पश्चिम नमस्कार आसन करने की प्रक्रिया
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- ताड़ासन से प्रारम्भ करें।
- अपने दोनों कंधो को ढीला रखे और अपने घुटनो को थोड़ा मोड़े।
- अपनी भुजाओं को पीछे की ओर ले जाएँ और उँगलियों को नीचे की ओर रखते हुए अपनी हथेलियों को जोड़े।
- सांस भरते हुए उँगलियों को रीढ़ की हड्डी की ओर मोड़ते हुए ऊपर करें।
- ध्यान रखे कि आपकी हथेलिया एक दूसरे से अच्छे से सटी हुई और घुटने हल्का सा मुड़े हुए रहे।
- इस आसन में रहते हुए कुछ साँसे लें।
- सांस छोड़ते हुए उँगलियों को नीचे कि ओर ले आये।
- भुजाओं को अपने सहज अवस्था में लें आये और ताड़ासन में आ जाएँ।
पश्चिम नमस्कारासन के लाभ
- पेट को खोलता है जिससे गहरी साँसे लेना आसान होता है।
- पीठ के ऊपरी हिस्से में खिचाव आता है।
- कन्धों का जोड़ और छाती की मांसपेशियों में खिचाव लाता है
पश्चिम नमस्कारासन में सावधानी
- निम्न रक्तचाप वाले व्यक्ति इस आसन को न करे।
- जिन लोगो के हाथों या कंधों पर कोई चोट लगी है तो वो लोग इस अससन को न करे।
How to do Paschim Namaskarana
- Start with Tadasana.
- Keep both your shoulders loose and bend your knees slightly.
- Move your arms backwards and join your palms with the fingers facing down.
- While inhaling, keep the fingers up by turning them towards the spine.
- Keep in mind that your palms are well adjacent to each other and knees are slightly bent.
- While in this posture, take some breaths.
- Exhaling, bring the fingers down.
- Take the arms in their natural state and come to Tadasana.
Benefits of the Paschim Namaskarasan.
- Opens the stomach, making it easier to breathe deeply.
- Sprains occur in the upper back.
- Brings joint pain in shoulder and chest muscles.
Precaution of Paschim Namaskarasana
- People with low blood pressure should not perform this asana.
- If people have any injuries on their hands or shoulders, then they should not do this asana.
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