बालासन करने की प्रक्रिया
- सबसे
पहले अपने पैरों को पीछे की और कर के मोड़ लें अपनी एड़ियों पर बैठ जाएँ,कूल्हों पर एड़ी को रखें,आगे की ओर झुके और माथे को जमीन पर लगाये।
- अपने दोनों हांथों को आगे की ओर
बढ़ाते हुए जमीन पर रखें।
-
अब आप अपनी साँस धीरे-धीरे साँस छोड़े और अपनी छाती को अपने घुटनों से जोड़ लें।
- उसके बाद आप अपने हांथों को आगे की तरफ सीधे भी रख सकते हैं और पीछे भी रख सकते हैं।
- उसके बाद ध्यान से धीरे-धीरे साँस लें और और उस मुद्रा में 2-3 मिनट तक रुकें।
- इस योग को 5-10 बार दोहोराये।
बालासन के लाभ
- पीठ और गर्दन के दर्द मे आराम मिलता है।
- कब्ज से राहत दिलाता है।
- तंत्रिका तंत्र को शांत करता है।
- इस आसन को करने से दिमाग शांत होता है।
- इस आसन को करने से पूरे शरीर को आनंद की अनुभूति होती है ।
बालासन में सावधानी
- यदि पीठ में दर्द हो या घुटने का ऑपरेशन हुआ हो तो अभ्यास न करें।
- अभी आप दस्त से परेशान हो या हाल ही में ठीक हुए हो तो ये आसन न करें।
- गर्भवती महिलाएं इस आसन को न करें।
- अपनी शारीरिक छमता से अधिक जोर न लगाएं ।
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How to do Balasana
- First of all, bend your legs backward and sit on your ankles, place the heel on the hips, bend forward and place the forehead on the ground.
- Keep both your hands on the ground, extending forward
- Now slowly exhale your breath and connect your chest with your knees.
- After that you can also keep your hands directly forward and back.
- After that, breathe slowly slowly and stay in that posture for 2-3 minutes.
- Repeat this sum 5-10 times.
Benefits of the Balasana
- Relieves pain in the back and neck.
- Relieves constipation.
- Calms the nervous system.
- Performing this asana calms the mind.
- By doing this asana, the whole body feels pleasure.
Precaution in balasana
- Do not practice if you have back pain or knee operation.
- If you are suffering from diarrhea or have recently recovered, do not do this asana.
- Pregnant women should not do this asana.
- Do not force too much on your physical strength.
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