भ्रामरी प्राणायाम करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाएं और आप उस पर सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं। आपका मन बिलकुल शांत होना चाहिए ।
- अब रीढ़ की हड्डी को बिलकुल सीधा रखें ।
- अपने दोनों हाथों को कंधो के बराबर लाएं और कोहनियों को मोड़कर कानों के पास ले जाएँ और दोनों हाथों के अंगूठे से दोनों कान बंद करले और अपनी दोनों आँखें बंद करले।
- अब अपने दोनों हाथों की तीन तीन उंगलियां अपनी आँखों के ऊपर रखें और एक एक ऊँगली भोहों से थोड़ा सा ऊपर रखें।
- अपने नाक के आस-पास दोनों तरफ से लगी हुई तीन-तीन उँगलियों से नाक पर हल्का सा दबाव बनायें
- अपने नाक से सामान्य गति से सांस अंदर लें| फिर नाक से सांस बाहर छोड़ते समय सांस को धीरे-धीरे ओम शब्द का उच्चारण करने के पश्चात मधुर आवाज में कंठ से भौंरे के समान गुंजन करें।
- इस क्रिया में आपको अपना मुँह नहीं खोलना है ये क्रिया मुँह बंद करके करनी है।
भ्रामरी प्राणायाम के लाभ
- इस आसन को करने से आपकी आवाज मधुर हो जाती है।
- ह्रदय रोग के लिए फायदेमंद है।
- मन की चंचलता दूर होती है एवं मन एकाग्र होता है।
- पेट के विकारों का शमन करती है।
- उच्च रक्त चाप पर नियंत्रण करता है।
भ्रामरी प्राणायाम सावधानी
- जिन लोगो के कान में दर्द हो वो ये आसन न करें।
- इस आसन में आपको अपने आँख, कान , नाक पर अधिक दबाव नहीं डालना चाहिए।
- इस आसन को सदेव सुबह के समय खाली पेट करना चाहिए।
- इस आसन को हमेशाअनुलोम विलोम के बाद करना चाहिए ।
How to do Bhramri Pranayam
- First of all, place the mat on the ground and you sit on it in the posture of happiness. Your mind should be completely calm.
- Now keep the spine absolutely straight.
- Bring both your hands equal to your shoulders and bend the elbows to the ears and close both ears with the thumbs of both hands and close both your eyes.
- Now put three fingers of your two hands on top of your eyes and a little above each finger.
- Apply light pressure on your nose with three fingers on both sides around your nose.
- Breathe in normally through your nose. Then, while exhaling from the nose, after making the breath slowly chant the word Om, make a soft voice like a bumblebee in a sweet voice.
- In this action you do not have to open your mouth, this action has to be done by closing the mouth.
Benifits of Bhramri Pranayam
By doing this asana, your voice becomes melodious.
It is beneficial for heart disease.
The versatility of the mind goes away and the mind concentrates.
Suppresses stomach disorders.Controls high blood pressure.
Precaution of Bhramri Pranayam
- People who have ear pain do not do this asana.
- In this posture you should not put too much pressure on your eyes, ears, nose.
- This asana should always be done on empty stomach in the morning.
- This asana should always be followed by anulom antonyms.
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